कुत्ताें का आतंक

भोपाल. 


पशुपालन विभाग के बाद नगर निगम द्वारा 4 महीने तक 85 वार्डों में सर्वे किया गया। इसके लिए जोन दफ्तरों के कर्मचारियों और अफसरों को लगाया गया। आवारा कुत्तों की गणना की गई। सोमवार को सर्वे रिपोर्ट निगम अफसरों ने संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव के सामने पेश की। निगम के पशु चिकित्सक एसके श्रीवास्तव ने बताया कि 11 हजार 544 आवारा कुत्ते सर्वे में सामने आए हैं।


इस पर संभागायुक्त ने कहा कि जब 11 हजार 544 आवारा कुत्ते हैं तो फिर हर साल 18 हजार आवारा कुत्तों की नसबंदी कैसे हो रही है।  यह भी मान लें कि शहर में 80 हजार कुत्ते हैं तो भी 60 हजार का हिसाब किताब पेश क्यों नहीं किया गया, उन्होंने कहा कि नसबंदी के नाम पर इतना खर्च किया जा रहा है, फिर आवारा कुत्तों की संख्या कम क्यों नहीं हो रही है।


इस मामले की डिटेल रिपोर्ट चाहिए वरना आप लोगों के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी। पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डीके राय ने बताया कि आवारा मवेशियों के लिए नई गोशालाओं बनाने काम चल रहा है। जून में पशुपालन विभाग ने आवारा कुत्तों का सर्वे कराया था। उन्होंने रिपोर्ट में बताया गया था कि 85 वार्डों में 9,943 आवारा कुत्ते हैं। इस रिपोर्ट का संभागायुक्त ने नगर निगम के अफसरों को सत्यापन कराने के निर्देश दिए थे। 





अगले दो दिन में दोबारा रिपोर्ट देने के निर्देश नगर निगम के अफसरों को दिए गए हैं, नगर निगम और नसबंदी रिपोर्ट में फर्क मिलने पर इसका परीक्षण कराने के निगम के अफसरों को कहा गया है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। 
कल्पना श्रीवास्तव, संभागायुक्त


सर्वे को लेकर संभागायुक्त ने जो आपत्ति दर्ज कराई है, उस बारे में नगर निगम कमिश्नर बी विजय दत्ता को अवगत कराया जाएगा। उनके निर्देश मिलने के बाद दोबारा रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। 
डॅा एसके श्रीवास्तव, पशु चिकित्सक, नगर निगम


बैठक के फैसले



  • खतरनाक कुत्तों को सार्वजनिक स्थानों, गलियों, रहवासी क्षेत्रों से पकड़कर सेंटरों में रखा जाए।

  • जिन वार्डों में आवारा कुत्तों की संख्या 100 या उससे अधिक है वहां 50 फीडिंग सेंटर बनाए जाएं।

  • नए एबीसी सेंटर बनाए जाएं।